
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमास को आखिरी चेतावनी जारी कर दी है। डोनाल्ड ट्रंप ने कड़े शब्दों में साफ तौर पर कह दिया है कि हमास गाजा में रखे गए इजरायल के सभी बंधकों को वापस लौटा दे। वरना उसका काम खत्म हो जाएगा। वहीं इससे ठीक पहले व्हाइट हाउस ने बताया है कि ट्रंप ने हमास के साथ प्रत्यक्ष वार्ता के लिए एक दूत भेजा है।
दरअसल, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में हमास की कैद से छूटे 8 बंधकों के साथ बैठक की थी। इसके तुरंत बाद ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल प्लेटफॉर्म पर लिखा- “शालोम हमास, इसका मतलब है नमस्ते और अलविदा- आप चुन सकते हैं। सभी बंधकों को अभी रिहा करें, बाद में नहीं, और जिन लोगों की आपने हत्या की है, उनके शवों को तुरंत लौटा दें, अन्यथा आपके लिए सब कुछ खत्म हो जाएगा.. केवल बीमार और विकृत लोग ही शवों को रखते हैं, और आप बीमार और विकृत हैं।
ट्रंप ने आगे कहा कि मैं इजरायल को वह सब कुछ भेज रहा हूँ जो उसे काम पूरा करने के लिए चाहिए। अगर आप मेरे कहे अनुसार काम नहीं करते हैं तो हमास का एक भी सदस्य सुरक्षित नहीं रहेगा। मैं अभी आपके पूर्व बंधकों से मिला हूँ, जिनकी ज़िंदगी आपने बर्बाद कर दी है। यह आपको आखिरी चेतावनी है। नेतृत्व के लिए, जब तक आपके पास मौका है, अब गाजा छोड़ने का समय है।
ट्रंप ने कहा- साथ ही गाजा के लोगों के लिए: एक सुंदर भविष्य आपका इंतजार कर रहा है, लेकिन अगर आप बंधकों को बंदी बनाए रखते हैं तो नहीं। अगर आप ऐसा करते हैं, तो आप मर चुके हैं! एक समझदारी भरा फैसला लें। बंधकों को अभी रिहा करें, नहीं तो बाद में आपको बहुत कीमत चुकानी पड़ेगी!”
डोनाल्ड ट्रंप ने ये कड़ी टिप्पणी ऐसे समय में की है जब अमेरिकी अधिकारी हमास के साथ बातचीत और विचार-विमर्श में लगे हुए हैं। इससे पहले अमेरिका की लंबे समय से नीति चली आ रही थी कि आतंकवादी समूह से सीधे तौर पर न जुड़ा जाए। ये बातचीत कतर की राजधानी दोहा में हो रही है। साल 1997 में अमेरिका ने हमास को विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया था। उसके बाद से यह अमेरिका और हमास के बीच पहली ज्ञात प्रत्यक्ष बातचीत है।
इजरायल के अधिकारियों का कहना है कि गाजा में करीब 24 जीवित बंधक मौजूद हैं। इनमें एक अमेरिकी नागरिक एडन अलेक्जेंडर भी शामिल है। इसके साथ ही कम से कम 35 अन्य बंधकों के शव अभी भी गाजा में मौजूद हैं। बता दें कि इजरायल और हमास के बीच 15 महीने की जंग के बाद सीजफायर हुआ था। इस दौरान हमासा ने क इजरायली बंधकों को रिहा किया और इजरायल ने भी फिलिस्तीनी कैदियों को जेल से रिहा किया है। हालांकि, इजरायल-हमास युद्धविरामल अब अधर में लटका हुआ है।