दिल्ली में सरकार का बड़ा कदम, राशन कार्ड धारकों की ई-वैरीफिकेशन प्रक्रिया शुरू

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दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की सरकार ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के सहयोग से दिल्ली के बही खातों को दुरुस्त करने के साथ-साथ कई लंबित योजनाओं और फाइलों को तेजी से पूरा करने का निर्णय लिया है। इस कड़ी में, दिल्ली सरकार ने राशन कार्ड धारकों के लिए ई-वैरीफिकेशन प्रक्रिया शुरू करने का फैसला लिया है, जो लंबे समय से पेंडिंग थी। यह प्रक्रिया अब 2013 के बाद पहली बार हो रही है, जबकि इसे हर पांच साल में एक बार करना जरूरी होता है।

ई-वैरीफिकेशन प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य धोखाधड़ी को रोकना है। इसके तहत राशन कार्ड धारकों को अपना आधार नंबर देना होगा या फिर उन्हें अपने आधार कार्ड को राशन कार्ड से लिंक करना होगा। इस प्रक्रिया से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि केवल असली और जरूरतमंद परिवारों को ही राशन का लाभ मिले। जिन कार्ड धारकों के पास अब राशन कार्ड केवल निवास प्रमाण के रूप में हैं, या जो सरकारी नौकरी में हैं और उनकी आर्थिक स्थिति सुधर चुकी है, उनके नाम हटा दिए जाएंगे।

यह ई-वैरीफिकेशन प्रक्रिया दिल्ली सरकार की कई प्रमुख योजनाओं से जुड़ी हुई है, जैसे महिला समृद्धि योजना, उज्ज्वला योजना, और आयुष्मान भारत योजना। इन योजनाओं का लाभ उन परिवारों को ही मिलेगा जो पात्र होंगे, और धोखाधड़ी की संभावना कम होगी। महिला समृद्धि योजना के तहत महिलाओं को ₹2,500 प्रति माह, उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त एलपीजी कनेक्शन और आयुष्मान भारत के तहत ₹5 लाख तक का स्वास्थ्य बीमा दिया जाता है।

राशन कार्ड धारक अपनी जानकारी की जांच करने के लिए ‘मेरा ई-केवाईसी’ नामक मोबाइल ऐप का उपयोग कर सकते हैं। इसके माध्यम से वे अपने विवरण की पुष्टि कर सकते हैं। यह ऐप राशन कार्ड धारकों को उनकी स्थिति और पात्रता के बारे में जानकारी प्रदान करेगा।

ई-केवाईसी प्रक्रिया 31 मार्च तक पूरी करनी होगी। इसके बाद, जो भी राशन कार्ड धारक पात्र नहीं पाए जाएंगे, उनके नाम राशन सूची से हटा दिए जाएंगे। इससे सिर्फ असली जरूरतमंदों को ही राशन का लाभ मिलेगा। दिल्ली में कुल 72,77,995 लाभार्थी हैं, जिनमें से लगभग 17 लाख लोगों ने ई-केवाईसी के लिए आवेदन किया है।

दिल्ली में राशन वितरण आधार प्रमाणीकरण के बाद e-PoS डिवाइस के माध्यम से किया जाता है। योग्य लाभार्थियों को ₹1 लाख तक की वार्षिक आय के साथ प्रति व्यक्ति 5 किलो खाद्यान्न (4 किलो गेहूं और 1 किलो चावल) और 1 किलो चीनी हर महीने मिलती है। दिल्ली में कुल 17,41,266 राशन कार्ड धारक हैं और 1,971 राशन की दुकानें हैं।

गौरतलब है कि इस कदम से दिल्ली सरकार यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि केवल वास्तविक जरूरतमंद परिवारों को ही सरकारी योजनाओं का लाभ मिले और किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी या गलत लाभ लेने की संभावना को समाप्त किया जा सके।

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