प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्रीय कैबिनेट ने 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दे दी है. इससे सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में बंपर इजाफा होगा. दरअसल कर्मचारियों को पिछले 10 साल से 8वें वेतन आयोग का इंतजार था, क्योंकि ऐसा माना जा रहा था कि सरकार वेतन आयोग को आगे मंजूरी नहीं देगी. लेकिन, गुरुवार को कैबिनेट की बैठक में इस मुद्दे पर मंजूरी के साथ ही अफवाहों और कयासों का बाजार भी बंद हो गया है.
सरकार ने 28 फरवरी, 2014 को सातवें वेतन आयोग का गठन किया था. आयोग ने राज्यों और सरकारी कंपनियों से बातचीत व सलाह-मशवरे के बाद 19 नवंबर, 2015 को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी, जिसके बाद 1 जनवरी, 2016 से 7वां वेतन आयोग लागू किया गया. साल 2026 में 7वें वेतन आयोग का समय खत्म हो जाएगा. 8वां वेतन आयोग अपनी रिपोर्ट देने से पहले राज्य सरकारों, सरकारी कंपनियों से बातचीत करेगा.
सरकार जल्द ही आठवें पे कमिशन के अध्यक्ष और दो सदस्यों के नाम का भी ऐलान करेगी. माना जा रहा है कि 8वां पे कमीशन जनवरी 2026 से लागू हो सकता है, क्योंकि जनवरी में ही 7वें वेतन आयोग की समय-सीमा खत्म हो जाएगी. इससे पहले सभी हितधारकों और सरकारों से सलाह-मशविरा कर लिया जाएगा.
आयोग की सिफारिशों से कर्मचारियों और सेवानिवृत्त पेंशनभोगियों दोनों को लाभ होगा. जैसा कि पता है हर 10 साल में केंद्र सरकार वेतन आयोग का गठन करती है. इसमें महंगाई और आर्थिक परिस्थितियों के लिहाज से कर्मचारियों के वेतन, भत्ते और लाभ की समीक्षा की जाती है. इसके बाद महंगाई भत्ता और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई राहत दोनों में बदलाव होता है.
8वां वेतन आयोग लागू होने के बाद कर्मचारियों की सैलरी में बड़ा इजाफा होगा. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो 8वें वेतन आयोग के बाद केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 18 हजार रुपये से बढ़कर 34,560 रुपये हो जाएगी. इसका मतलब हुआ कि न्यूनतम वेतन में सीधे दोगुने का इजाफा होगा. इसी तरह, पेंशन में भी बंपर इजाफा होने का अनुमान है. 8वें वेतन आयोग के बाद न्यूनतम पेंशन मौजदा 9,000 रुपये से बढ़कर 17,200 रुपये तक पहुंच सकती है.