समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाई. सपा मुखिया अखिलेश यादव रविवार को एयरपोर्ट से सीधे मेला क्षेत्र पहुंचे. यहां उन्होंने संगम तट पर पहुंचकर स्नान किया. इस दौरान अखिलेश के साथ सपा नेता और कार्यकर्ता भी मौजूद रहे. गंगा में स्नान करते समय अखिलेश ने सूर्य को अर्घ्य भी दिया.

संगम में डुबकी लगाने के बाद अखिलेश यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैं आज महाकुंभ में स्नान करके जा रहा हूं. मैंने 11 डुबकियां लगाई हैं। आज महाकुंभ का सकारात्मक संदेश होना चाहिए. आज के दिन यही संकल्प हो जब कभी भी हमें कुंभ याद आए, तो सौहार्द, सद्भावना और सहनशीलता हमेशा बनी रहे. मैंने पहले हरिद्वार में स्नान किया था और आज मुझे संगम में स्नान करने का मौका मिला है.
अखिलेश यादव ने यूपी सीएम योगी के बुलडोजर एक्शन पर कहा कि बुलडोजर चले या नहीं चले, जब सरकार ही नहीं होगी तो बुलडोजर किसके पास होगा. उन्होंने आगे कहा कि हमारा संकल्प यही है कि सद्भावना और सहनशीलता बनी रहे और स्नान सहनशीलता के साथ होना चाहिए. सरकार को महाकुंभ को स्पोर्ट्स इवेंट नहीं बनाना चाहिए. मैंने खुद अपनी आंखों से देखा है कि बुजुर्ग महिलाएं और पुरुष दूर स्थानों से पैदल चलकर महाकुंभ में आ रहे हैं लेकिन अगर सरकार महाकुंभ में हजारों करोड़ रुपए खर्च कर रही है तो बुजुर्गों के लिए कोई ऐसी व्यवस्था जरूर होनी चाहिए थी जिससे उन्हें ज्यादा पैदल नहीं चलना पड़े.

दरअसल महाकुंभ में डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं का हुजुम संगम नगरी पहुंच रहा है. यहां से श्रद्धालु संगम स्थल के लिए पैदल ही कूच कर रहे हैं. बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं, युवा संगम स्थल के लिए पैदल जा रहे हैं. इस दौरान कुंभ में डुबकी लगाने को लेकर सभी उत्साहित दिख रहे हैं.
वहीं अखिलेश यादव के महाकुंभ स्नान की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद बीजेपी नेताओं ने इस पर तंज कसा है उनका कहना है कि कुंभ में आएं तो सहनशीलता के साथ स्नान करें. यहां लोग पुण्य और दान के लिए आते हैं. वॉटर स्पोर्ट के लिए नहीं. उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि अखिलेश यादव जी, देर आए दुरुस्त आए। हरिद्वार में गंगा स्नान और महाकुंभ स्नान के बाद उम्मीद है कि अब आस्था को चोट पहुँचाने वाले बयानों से बचेंगे। महाकुंभ की विशेषता ‘अनेकता में एकता’ है। जो सपाई और कांग्रेसी अब भी महाकुंभ को लेकर मानसिक और दृष्टि दोष से ग्रसित हैं, वे इलाज कराएं या न कराएं, पर महाकुंभ स्नान जरूर करें।