

अमेरिका से डिपोर्ट किए जा रहे भारतीयों को अमेरिकी सेना के विशेष विमान से अमृतसर लाने को लेकर चर्चा छिड़ गई है। राजनीतिक पार्टियां इस मुद्दे को अलग-अलग तरह से देख रही हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान जहां इसे पंजाब को बदनाम करने की कोशिश करार दे रहे हैं। वहीं, शिरोमणि अकाली दल भी इस पर सवाल उठा रहा है। दूसरी तरफ भाजपा इसमें कोई भी बुराई नहीं देख रही।
भाजपा का तर्क है कि चूंकि डिपोर्ट होने वाले लोगों में अधिकतर पंजाब और हरियाणा के लोग हैं और हरियाणा में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट नहीं होने के कारण विमान को अमृतसर लैंड करवाया जा रहा है ताकि पंजाब और हरियाणा के लोगों को उनके घर तक समय से पहुंचाया जा सके।
पूर्व स्पेशल चीफ सेक्रेटरी केबीएस सिद्धू कहते हैं, यह मुद्दा ही नहीं हैं कि विमान कहां उतर रहा है। असल मुद्दा है, हमारे युवा सुनहरे भविष्य के लिए किसी भी सूरत में अमेरिका जाना चाहते हैं। फिर चाहे डंकी रूट के माध्यम से ही उन्हें क्यों न जाना पड़े। अधिकतर डिपोर्ट हुए लोग पंजाब व हरियाणा के हैं, ऐसे में विमान अगर दिल्ली या अहमदाबाद उतरेगा तो कितनी बड़ी संख्या में अभिभावकों को वहां जाना पड़ेगा।
अमेरिका की ओर से अवैध रूप से रहने वाले भारतीयों को डिपोर्ट करने के मुद्दे को राजनीतिक पार्टियों ने भी भुनाना शुरू कर दिया है। 5 फरवरी अमेरिका का पहला विमान अमृतसर पहुंचे पर मौन रहीं कई राजनीतिक पार्टियां शनिवार को दूसरा विमान अमृतसर पहुंचने के बाद अब सक्रिय हो गई हैं.
एक तरफ मुख्यमंत्री भगवंत मान ने विमान के अमृतसर पहुंचने की सूचना के बाद शुक्रवार से ही अमृतसर में डेरा डाल लिया और विमान के अमृतसर उतारने को लेकर केंद्र सरकार की पंजाब को बदनाम करने की साजिश बता दिया। वहीं, केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू भी एयरपोर्ट पर पहुंचे और मुख्यमंत्री भगवंत मान पर ही निजी आरोप लगा दिए. कांग्रेस भी इस मुद्दे को भुनाने में पीछे नहीं रही। अमृतसर से सांसद गुरजीत औजला डिपोर्ट होकर आए लोगों से मिलने पहुंच गए। इसी तरह शिरोमणि अकाली दल और एसजीपीसी भी सक्रिय नज़र आई.
अमृतसर में डेरा जमाए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अमृतसर में उतरने वाले अमेरिकी सेना के विमान को लेकर केंद्र की कड़ी आलोचना की। मुख्यमंत्री बनने के बाद यह पहला मौका था जब उन्होंने लगातार दो दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस की। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार अमेरिका से आने वाले विमानों को इसलिए अमृतसर में उतार रही है ताकि पंजाब-पंजाबियत को बदनाम किया जा सके। उन्होंने सवाल किया कि आखिर अमेरिकी विमान को हिंडन, अहमदाबाद और अंबाला में क्यों नहीं उतारा जा रहा।
इस पर केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू का कहना है, इसमें बदनामी जैसी कोई बात नहीं हैं। अगर पंजाब के बच्चे अपने राज्य में आ रहे हैं, तो इसमें गलत क्या है। यही नहीं, उन्होंने मुख्यमंत्री पर यह तक आरोप लगा दिया कि जब वह कलाकार थे, तब वह 25-25 हजार रुपये लेकर कबूतरबाजी किया करते थे।
वहीं डिपोर्ट के मुद्दे को भुनाने में कहीं पीछे न रह जाएं, इस कारण अमृतसर से कांग्रेस के सांसद गुरजीत सिंह औजला ने पंजाब सरकार को ही कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब में रोजगार न मिलने के कारण युवा विदेश का रुख कर रहे हैं।