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Top News :इस खास ट्रेन में बैठकर कीव जाएंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जानें दुनिया के नेता क्यों करते हैं इस ट्रेन का इस्तेमाल?
Top News : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय दौरे पर पोलैंड पहुंचे हैं। वे गुरुवार रात यूक्रेन के दौरे पर रवाना होंगे. उनके दौरे की एक खास बात यह है कि वह विमान से नहीं बल्कि ट्रेन से यूक्रेन जाएंगे. पीएम मोदी विशेष ट्रेन से कीव जाएंगे.
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इस स्पेशल ट्रेन का नाम ‘रेल फोर्स वन’ है. ये कोई आम ट्रेन नहीं है. यह अपनी लक्जरी सुविधाओं और विश्व स्तरीय सेवा के लिए जाना जाता है। कीव पहुंचने के लिए पीएम मोदी 10 घंटे का सफर तय करेंगे. उन्हें वापस लौटने में भी उतना ही समय लगेगा.
Top News : दुनिया के बड़े-बड़े नेता यात्रा कर चुके हैं
दरअसल, यूक्रेन में चल रहे युद्ध के कारण हवाईअड्डे काफी हद तक बंद हैं, ऐसे में सड़क मार्ग से यात्रा करना खतरनाक हो सकता है। यही वजह है कि दुनिया के बड़े नेता जब यूक्रेन जाते हैं तो ट्रेन से यात्रा करना पसंद करते हैं. इसे बाकियों के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित माना जाता है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन, इतालवी पीएम जियोर्जिया मेलोनी समेत कई नेता रेल फोर्स वन से यात्रा कर चुके हैं।
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पर्यटकों के लिए बनाया गया, अब विश्व नेता इसका उपयोग करते हैं
यूक्रेन जाने वाले अधिकांश नेता, पत्रकार और राजनयिक रेल वन फोर्स से यात्रा करते हैं। यह धीमी गति से चलने वाली लग्जरी ट्रेन है, जो रात में चलती है। यह पोलैंड से कीव तक 600 किमी की यात्रा करती है।
यूक्रेन में एक बड़ा रेलवे नेटवर्क है जो 24 हजार किलोमीटर से अधिक लंबा है
यूक्रेन में एक बड़ा रेलवे नेटवर्क है जो 24 हजार किलोमीटर से अधिक लंबा है। यह दुनिया का 12वां सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। यूक्रेन में अलग-अलग ट्रेनें चलती हैं लेकिन रेल वन फोर्स सबसे खास है। इसे विशेष रूप से क्रीमिया के पर्यटकों के लिए बनाया गया था। फिर रूस ने 2014 में क्रीमिया पर कब्ज़ा कर लिया. तब से इसका उपयोग विश्व नेताओं और वीआईपी लोगों के परिवहन के लिए किया जाता रहा है
ये ट्रेन हथियारों से लैस है. इसमें बहुत ही सुरक्षित संचार प्रणाली है। हर जगह हाईटेक सुरक्षाकर्मियों की टीम मौजूद है, जो लगातार निगरानी कर रही है. यही वजह है कि इस ट्रेन की सुरक्षा को लेकर अब तक कोई शिकायत नहीं मिली है.
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रेल वन फोर्स बेहद शानदार है, डीजल इंजन पर चलती है
रेल वन फोर्स का इंटीरियर बेहद खूबसूरत है और अंदर से यह किसी आलीशान होटल के कमरे जैसा दिखता है। रेल वन फोर्स के डिब्बे लकड़ी के बने होते हैं। इसमें बैठने के लिए एक टेबल और एक सोफा है। महत्वपूर्ण बैठकों के लिए एक बड़ी सम्मेलन मेज, शानदार सोफे और दीवार पर लगा टीवी है। रेल वन फोर्स में इलेक्ट्रिक इंजन की जगह डीजल इंजन है।
इलेक्ट्रिक ट्रेन से यात्रा करना मुश्किल हो सकता है
यदि किसी हमले में पावर ग्रिड क्षतिग्रस्त हो जाए तो इलेक्ट्रिक ट्रेन से यात्रा करना मुश्किल हो सकता है, इसलिए युद्ध शुरू होने के बाद इसे जानबूझकर इस तरह से डिज़ाइन किया गया है। रेल वन फोर्स की सफलता का श्रेय यूक्रेन रेलवे के पूर्व सीईओ और अब मंत्री ऑलेक्ज़ेंडर कामिशिन को जाता है। उन्होंने इसका नाम रेल फोर्स वन रखा।