Top News : महाराष्ट्र में सीएम चेहरे के मुद्दे पर बढ़ेगी कांग्रेस-शरद पवार की टेंशन? उद्धव ठाकरे पद का मोह नहीं छोड़ रहे हैं,Breaking News 1

Top News : महाराष्ट्र में अगले 6 महीने में विधानसभा चुनाव होने हैं

Top News : वहीं विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को खत्म हो रहा है. इस बीच सीट बंटवारे को लेकर महाविकास अघाड़ी और महायुति गठबंधन के बीच विवाद बढ़ गया है. इसके साथ ही महाविकास अघाड़ी में मुख्यमंत्री पद को लेकर भी काफी हंगामा चल रहा है. यह चुनाव शिवसेना और एनसीपी दोनों के लिए बेहद अहम है. पार्टी में फूट के बाद यह पहली बार होगा जब जनता किसी सच्ची पार्टी को मंजूरी देगी.

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फिलहाल इन दोनों पार्टियों के बीच सीट बंटवारे को लेकर चर्चा तेज हो गई है. पार्टियों ने अपनी मजबूत सीटों पर काम भी शुरू कर दिया है. जहां तक ​​महायुति की बात है तो बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर कोई ठोस बात सामने नहीं आई है. महायुति में अंतिम फैसला देवेन्द्र फड़णवीस पर छोड़ दिया गया है. हालाँकि, इससे अजित पवार गुट के भीतर असंतोष भी पैदा हो सकता है। एनडीए में शामिल होने के बाद से ही अजित पवार और बीजेपी के बीच तनातनी जारी है.

Top News : तनाव मुख्यमंत्री का फार्मूला हो सकता है

महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री का फॉर्मूला बन सकता है बड़ी टेंशन. 2019 के विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी-शिवसेना गठबंधन टूटने की वजह मुख्यमंत्री का पद ही था. एक तरफ जहां बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते अपना सीएम चाहती है तो वहीं दूसरी तरफ उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री पद के लिए दावेदारी कर रहे थे. जब एनसीपी और कांग्रेस उन्हें मुख्यमंत्री बनाने पर सहमत हुए, तो उन्होंने महा विकास अघाड़ी गठबंधन बनाया।

तो इस बार एक बार फिर महाविकास अघाड़ी में ऐसी ही स्थिति देखने को मिल रही है. मुख्यमंत्री पद को लेकर अभी स्थिति साफ नहीं है, लेकिन उद्धव ठाकरे इस बात पर जोर दे रहे हैं कि मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा के बाद ही चुनाव प्रचार तेज होगा. 16 अगस्त को मुंबई में महाविकास अघाड़ी पदाधिकारियों की बैठक आयोजित की गई थी. जिसमें चुनाव को लेकर रणनीति बनाई जानी थी. इस बैठक में शरद पवार, उद्धव ठाकरे, नाना पटोले, सुप्रिया सुले, आदित्य ठाकरे, बालासाहेब थोराट, पृथ्वीराज चव्हाण भी शामिल थे. इसके अलावा बैठक में सीपीआई, सीपीएम और शेकाप जैसे छोटे दलों के नेता भी मौजूद थे.

Top News : मुख्यमंत्री पद पर उद्धव का बयान अहम है

इस बैठक में उद्धव ठाकरे ने कहा, ”अगर शरद पवार और कांग्रेस मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान करते हैं तो मैं भी उनका समर्थन करूंगा. ये चुनाव किसी निजी फायदे के लिए नहीं लड़ा जा रहा है. इस आधार पर सीएम के चेहरे पर चर्चा नहीं की जानी चाहिए” संख्या बल का. अन्यथा गठबंधन में शामिल पार्टियों की ही सीटें कटेंगी और फायदा विपक्ष को ही मिलेगा. इसलिए सीएम का चेहरा तय करने के बाद ही आगे बढ़ना ज्यादा उचित होगा.”

Top News : मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर असमंजस!

जबकि शरद पवार और नाना पटोले दोनों ने ही उद्धव की इस मांग का समर्थन नहीं किया. दोनों नेताओं ने कहा कि महाविकास अघाड़ी की जीत के लिए पहला काम मिलकर चुनाव लड़ना है. इसके बाद ही मुख्यमंत्री पद को लेकर फैसला सही होगा. तब पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा था कि जिसके पास ज्यादा सीटें होंगी वही मुख्यमंत्री बनेगा. अब उद्धव ठाकरे के बयान के बाद सवाल ये है कि महाविकास अघाड़ी में किसकी चलेगी और सीएम के नाम का ऐलान कैसे होगा.

Top News : उद्धव ठाकरे पद का मोह नहीं छोड़ रहे हैं

उद्धव ठाकरे को अभी भी मुख्यमंत्री पद का मोह है. उन्होंने इस बात का संकेत दिया है. लाडली बहन योजना के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, ”मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को स्पष्ट करना चाहिए कि इस योजना के लिए बजट कहां से आएगा. इस योजना को लेकर सीएम परेशान रहते हैं इसलिए कुछ आईएएस अधिकारी कह रहे हैं, आप आ जाओ” जल्दी वापिस आना।” बहरहाल, एक बात तो साफ है कि लोकसभा चुनाव में उद्धव गुट का प्रदर्शन अच्छा रहा. इसीलिए उद्धव ठाकरे सीएम के चेहरे पर दबाव बना रहे हैं.

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