
सीरिया में फिर खूनी जंग तेज हो गई है। जबलेह शहर में बंदूकधारियों ने बृहस्पतिवार को सीरियाई पुलिस गश्त दल पर घात लगाकर बड़ा हमला किया, जिसमें कम से कम 13 सुरक्षाकर्मी मारे गए और कई अन्य घायल हो गए। एक स्थानीय अधिकारी ने यह जानकारी दी। हमला ऐसे समय में हुआ है जब सीरिया के जबलेह क्षेत्र में पूर्व राष्ट्रपति बशर अल असद के अल्पसंख्यक अलावी समुदाय के लोगों और इस्लामी संगठनों के बीच तनाव तेज है।
इससे पहले दिसंबर की शुरुआत में इस्लामवादी हयात तहरीर अल-शाम के नेतृत्व में विद्रोही समूहों ने असद शासन का तख्तापलट कर दिया था। ब्रिटेन के मानवाधिकार संगठन ‘सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स’ ने बताया कि लताकिया शहर के पास जबलेह शहर में घात लगाकर किए गए हमले में कम से कम 16 लोग मारे गए।
निगरानी समूह के प्रमुख रामी अब्दुर्रहमान ने कहा कि पुलिस बल पर अलावी समुदाय के लोगों ने घात लगा कर हमला किया। अब्दुर्रहमान ने कहा कि शासन के पतन के बाद से ये सबसे अधिक हिंसक झड़प हैं। दमिश्क में एक स्थानीय अधिकारी ने बताया कि घात लगाकर किए गए हमले में ‘जनरल सिक्योरिटी डायरेक्टरेट’ के 13 सदस्य मारे गए।
अरब में प्रसारित होने वाले टेलीविजन चैनल ‘अल-जजीरा’ ने कहा कि उसके कैमरामैन रियाद अल-हुसैन संघर्ष को कवर करते समय घायल हो गए। सरकारी मीडिया ने बताया कि अधिकारियों ने पास के शहर टार्टस में 12 घंटे का कर्फ्यू लगा दिया है। सरकारी समाचार एजेंसी ने बताया कि स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए क्षेत्र में बड़ी संख्या में अतिरिक्त बल भेजा जा रहा है।
गौरतलब है कि स्थानीय मीडिया ने सुरक्षा अधिकारी साजिद अल-दीक के हवाले से कहा कि स्थिति नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि बृहस्पतिवार को सुरक्षा बलों पर हमला करने वाले बंदूकधारियों से अलावी समुदाय के लोगों का कोई लेना-देना नहीं है। अल-दीक ने कहा कि ‘हम सांप्रदायिक भावनाओं को बढ़ावा देने से बचने का आह्वान करते हैं।’