
शशि थरूर ने मंगलवार को सुबह-सुबह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर दो पोस्ट किए. पहले में उन्होंने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के साथ तस्वीर शेयर की और दूसरे में वह कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी की एक मांग का समर्थन करते नजर आए. थरूर के ये दो पोस्ट चर्चा में हैं क्योंकि पिछले दो हफ्तों से उनके बयानों ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा रखी है. दरअसल, पिछले दिनों उन्होंने पार्टी लाइन के इतर अपनी बात रखी थी. वह खुद को नजरअंदाज किए जाने पर अपने तेवर दिखाते नजर आए थे. ऐसे में आज उनके यह दो पोस्ट कंफ्यूजन पैदा करते दिख रहे हैं.
अपने पहले पोस्ट में थरूर केंद्र सरकार के उस कदम की तारीफ करते दिखे, जिसमें ब्रिटेन के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट वार्ता फिर से शुरू की गई है. उन्होंने लिखा-
‘ब्रिटेन के व्यापार एवं कारोबार मामलों के राज्य सचिव जोनाथन रेनॉल्ड्स के साथ उनके भारतीय समकक्ष वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की मौजूदगी में बातचीत करके अच्छा लगा. लंबे वक्त से रुकी हुई फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) वार्ता फिर से शुरू हो गई है, यह बहुत स्वागत योग्य बात है.’
https://x.com/ShashiTharoor/status/1894225091149664308
वहीं इसके ठीक 8 मिनट बाद शशि थरूर ने एक और पोस्ट किया. इस पोस्ट में उन्होंने अखबार की एक लिंक शेयर की, जिसमें प्रियंका गांधी वायनाड लैंडस्लाइड में पीड़ित परिवारों को दिए जा रहे लोन को अनुदान में बदलने और इसे खर्च करने की समय सीमा बढ़ाने की मांग कर रही हैं. शशि थरूर ने लिखा है-
‘मैं प्रियंका गांधी की इस डिमांड का पुरजोर समर्थन करता हूं कि वायनाड लैंडस्लाइड से प्रभावित लोगों को राहत के तौर पर जो लोन दिया गया है उसे अनुदान में तब्दील किया जाना चाहिए और इसे खर्च करने की समय सीमा भी बढ़ाई जानी चाहिए.’
https://x.com/ShashiTharoor/status/1894227249655943606
इन 8 मिनट के अंदर शशि थरूर एक बार मोदी सरकार के काम की तारीफ करते दिखे तो दूसरी तरफ कांग्रेस नेता के समर्थन में भी नजर आए. हालांकि यह उनका हमेशा का अंदाज है कि वह दल और नेता में भेदभाव किए बिना अच्छे कामों की तारीफ और बुरे कदमों की आलोचना करते रहे हैं. हालांकि आज उनके यह पोस्ट एक बार फिर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है
शशि थरूर ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा और डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात को लेकर कांग्रेस पार्टी से अलग विचार रखे थे. इसके साथ ही उन्होंने केरल की एलडीएफ सरकार की कुछ नीतियों की भी तारीफ की थी. कांग्रेस उनके इन बयानों से असहज थी और इन्हें उनकी निजी राय बताया गया था.
इसके बाद यह भी सामने आया कि थरूर ने राहुल गांधी से अपनी भूमिका स्पष्ट करने की मांग की थी. थरूर ने यह भी शिकायत की थी कि संसद में अहम मुद्दों पर पार्टी के भीतर उनकी अनदेखी की जा रही है, लेकिन राहुल गांधी की ओर से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला. बीते 22 फरवरी को शशि थरूर थॉमस ग्रे की लिखी एक पंक्ति के जरिए कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते नजर आए. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर लिखा कि ‘जहां अज्ञान ही सुख है, वहां बुद्धिमान होना मूर्खता है.’
इसके अलावा अगले ही दिन थरूर ने एक पॉडकास्ट में कहा कि कांग्रेस को अगर उनकी जरूरत नहीं है तो उनके पास करने के लिए बाकी काम भी हैं. इस तरह के बयानों से कयास लगाए जा रहे हैं कि शशि थरूर कांग्रेस पार्टी से नाराज चल रहे हैं और अगर यह नाराजगी दूर नहीं की गई तो वह अपना रास्ता अलग कर सकते हैं.