रेखा गुप्ता ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की ली शपथ, प्रवेश वर्मा समेत 6 मंत्रियों को किया गया कैबिनेट में शामिल

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बीजेपी की विधायक रेखा गुप्ता ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है. उनके शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी के अलावा बीजेपी के अन्य नेता भी मौजूद रहे. रेखा गुप्ता को दिल्ली के रामलीला मैदान में हुए शपथ ग्रहण समारोह में दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई.

एलजी ने रेखा गुप्ता के अलावा प्रवेश वर्मा, मनजिंदर सिंह सिरसा, रविन्द्र इन्द्राज सिंह, आशीष सूद, कपिल मिश्रा और पंकज कुमार सिंह को मंत्री पद की शपथ दिलाई. प्रवेश वर्मा ने नई दिल्ली सीट से आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस के उम्मीदवार संदीप दीक्षित को विधानसभा चुनाव में हराया था.

दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ की पूर्व अध्यक्ष और पहली बार विधायक निर्वाचित रेखा गुप्ता बृहस्पतिवार को दिल्ली की नौवीं मुख्यमंत्री बन गईं। वह मदन लाल खुराना, साहिब सिंह वर्मा और सुषमा स्वराज के बाद दिल्ली में भाजपा की चौथी मुख्यमंत्री बनी हैं। इसके साथ ही वह, वर्तमान में भाजपा शासित किसी भी राज्य में एकमात्र महिला मुख्यमंत्री भी बन गई हैं। रेखा गुप्ता दिल्ली की शालीमार बाग सीट से पहली बार विधायक चुनी गई हैं। उन्होंने ‘आप’ की बंदना कुमारी को 29,595 मतों के अंतर से हराया था।

बात करें प्रवेश वर्मा की तो उन्होंने इस बार नई दिल्ली विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल को हराया है. प्रवेश वर्मा 2013 के विधानसभा चुनावों में महरौली सीट से विधायक चुने गए थे। उन्होंने 2015 में पश्चिमी दिल्ली सीट से बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की थी। साल 2019 में उन्होंने फिर से पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और 4.78 लाख से ज्यादा मतों के अंतर से जीत हासिल की। प्रवेश दिल्ली के सीएम रहे साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं।

आशीष सूद ने भी आज पद व गोपनीयता की शपथ ली. सूद दिल्ली में बीजेपी का पंजाबी चेहरा हैं। उनका राजनीतिक सफर दिल्ली यूनिवर्सिटी से शुरू हुआ। उन्होंने कॉमर्स में डिग्री हासिल की और छात्र राजनीति में सक्रिय हुए. वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े और कई पदों पर रहते हुए छात्र राजनीति में अपनी अमिट छाप छोड़ी। आशीष दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष रह चुके हैं। उन्होंने 1980 के दशक में बोफोर्स घोटाले समेत भ्रष्टाचार के कई मामलों के खिलाफ आंदोलनों का नेतृत्व किया। 2002 में उन्होंने बीजेपी की दिल्ली इकाई के उपाध्यक्ष, महासचिव और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के रूप में अपनी भूमिका निभाई।

रेखा गुप्ता की कैबिनेट में कपिल मिश्रा भी नज़र आएंगे. इससे पहले वे आम आदमी पार्टी में भी रह चुके हैं और वे केजरीवाल की सरकार में भी मंत्री रहे हैं. मिश्रा पहले आम आदमी पार्टी के सदस्य हुआ करते थे, लेकिन 2019 में वे बीजेपी में शामिल हो गए। कपिल मिश्रा बीजेपी के फायरब्रांड नेता के रूप में जाने जाते हैं। पार्टी ने उन्हें इस बार करावल नगर से टिकट दिया था। नई बीजेपी सरकार में कपिल मिश्रा एकमात्र ऐसे मंत्री हैं जिन्हें सरकार में मंत्री पद संभालने का अनुभव है। कपिल दिल्ली कैबिनेट में पूर्वांचली चेहरे के रूप में शामिल हुए हैं। उन्होंने 23 हजार वोटों से इस बार चुनाव जीता था। बीजेपी ने अगस्त 2023 में मिश्रा को दिल्ली बीजेपी का उपाध्यक्ष बनाया।


वहीं आज शपथ लेने वालों में रविंद्र इंद्राज बवाना से विधायक हैं। वे दलित समुदाय से आते हैं। बीजेपी ने अपने कैबिनेट में जातिगत समीकरण को देखते हुए इन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया है। इंद्राज बीजेपी के अनुसूचित जाति मोर्चा में राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य भी हैं। उनके पिता इंद्राज सिंह भी नरेला सीट से विधायक रह चुके हैं। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया है। इंद्राज ने बवाना सीट पर आम आदमी पार्टी के विधायक जय भगवान उपकार को 31 हजार से अधिक वोटों से हराकर जीत हासिल की है.

इसके अलावा पंकज सिंह भी पूर्वांचली चेहरे के रूप में दिल्ली सरकार में शामिल हुए हैं। पंकज सिंह मूल रूप से बिहार के बक्सर के रहने वाले हैं। वह पहली बार विधायक चुने गए हैं। इन्हें मंत्री बनाकर बीजेपी ने पूर्वांचली वोटरों को साधने की कोशिश की है। पंकज कुमार सिंह का जन्म 6 नवंबर 1977 को दिल्ली के विकासपुरी में हुआ था। उनके पिता राज मोहन सिंह एमसीडी में अडिशनल कमिश्नर थे। पंकज सिंह पेशे से एक डेंटिस्ट हैं। उन्होंने 1998 में मगध विश्वविद्यालय, बोधगया, बिहार से BDS की डिग्री हासिल की। उनकी पत्नी रश्मि कुमारी भी डेंटिस्ट हैं। पंकज सिंह ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत MCD के पार्षद के रूप में की थी।

बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 70 में से 48 सीट पर जीत हासिल कर आम आदमी पार्टी के एक दशक लंबे शासन का अंत किया था. वहीं गुरूवार शाम दिल्ली सरकार के नई कैबिनेट की पहली बैठक होनी है

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