Top News : क्या महाराष्ट्र के साथ हो सकते हैं दिल्ली विधानसभा चुनाव? जानिए क्या है कानून में प्रावधान,Breaking News 1

Top News : दिल्ली में सियासी उठापटक जारी है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफे का ऐलान कर दिया है

Top News : इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार से जल्द से जल्द चुनाव कराने की भी मांग की है. ये सारा घटनाक्रम अरविंद केजरीवाल के जेल से बाहर आने के दो दिन बाद हो रहा है. दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है.

Top News

दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी और सौरभ भारद्वाज ने भी महाराष्ट्र के साथ राज्य में चुनाव कराने की मांग की है. उधर, केजरीवाल के इस्तीफे के ऐलान के बाद राजनीति गरमा गई है. देश की सत्ताधारी बीजेपी ने इसे ‘पीआर स्टंट’ बताया है. उधर, दिल्ली कांग्रेस ने भी दिल्ली के मुख्यमंत्री के इस्तीफे की घोषणा को दिखावा करार दिया है.

Top News : अब दिल्ली में क्या हो रहा है?

देश की राजधानी में पिछले शुक्रवार से राजनीतिक उथल-पुथल शुरू हो गई है. दिल्ली एक्साइज पॉलिसी मामले में गिरफ्तार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें सशर्त जमानत दे दी. केजरीवाल शुक्रवार शाम को तिहाड़ जेल से बाहर आये. आप नेता को केंद्रीय जांच एजेंसी ने जून के अंत में गिरफ्तार किया था।

जेल से बाहर आने के बाद ही दिल्ली की राजनीति गरमाने लगी. इसके बाद आप सुप्रीमो ने पार्टी नेताओं से मुलाकात की। वहीं, पिछले रविवार को केजरीवाल ने दिल्ली स्थित आप कार्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया था. इसी बीच केजरीवाल ने सीएम पद से इस्तीफे का ऐलान कर सभी को चौंका दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं दो दिन बाद सीएम पद से इस्तीफा दे दूंगा. मैं तब तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा जब तक जनता मुझे ईमानदारी का सर्टिफिकेट नहीं दे देती. विधायकों की बैठक बुलाकर नये मुख्यमंत्री के नाम पर सहमति बनायी जायेगी.

Top News : क्या महाराष्ट्र के साथ दिल्ली में भी हो सकते हैं चुनाव?

अब सवाल यह है कि क्या दिल्ली में समय से पहले विधानसभा चुनाव हो सकते हैं? अब इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के वकील और संविधान विशेषज्ञ विराग गुप्ता ने कहा कि ऐसा कहा जा रहा है कि एक देश एक चुनाव का एजेंडा मोदी-3.0 के कार्यकाल में पूरा हो जाएगा. इसके लिए राज्य विधानसभा चुनाव के कैलेंडर को समायोजित करना होगा. लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 15 के अनुसार, चुनाव आयोग विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने के 6 महीने के भीतर विधानसभा के शीघ्र चुनाव कराने का निर्णय ले सकता है। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव अक्टूबर 2019 में और दिल्ली में फरवरी 2020 में हुए। इसलिए संवैधानिक तौर पर दोनों राज्यों में एक साथ विधानसभा चुनाव कराए जा सकते हैं.

एक विशेषज्ञ ने कहा कि दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल अगले साल 23 फरवरी को समाप्त हो रहा है और फरवरी की शुरुआत में चुनाव होने की उम्मीद है। हालांकि, केजरीवाल ने रविवार को मांग की कि नवंबर में महाराष्ट्र के साथ दिल्ली में भी चुनाव कराए जाएं। महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है। कानूनी तौर पर चुनाव आयोग के पास महाराष्ट्र के साथ दिल्ली में भी विधानसभा चुनाव कराने का अधिकार है. लेकिन पहले दिल्ली में अलग से चुनाव होते थे. चुनाव आयोग के पास महाराष्ट्र और दिल्ली चुनाव एक साथ कराने का कोई कारण तो होगा ही.

Top News : समय से पहले चुनाव कराने में किसकी भूमिका?

विशेषज्ञ ने कहा कि दिल्ली सरकार को जल्द चुनाव की मांग के लिए चुनाव आयोग को कारण बताना होगा. संविधान और जन प्रतिनिधित्व कानून के एक विशेषज्ञ ने कहा कि सरकार को चुनाव आयोग को पत्र लिखना होगा और आयोग को समय से पहले चुनाव कराने का कारण बताना होगा. हालांकि, अंतिम फैसला चुनाव आयोग लेगा.

Top News : चुनाव कराने से पहले चुनाव आयोग क्या करता है?

निर्वाचित राज्य सरकार की कैबिनेट को विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने से पहले चुनाव कराने के लिए विधानसभा को भंग करने की सिफारिश करनी होती है। इसके मुताबिक उपराज्यपाल विधानसभा को भंग कर नई विधानसभा बनाने की प्रक्रिया की सिफारिश कर सकते हैं. उन सिफारिशों के मुताबिक चुनाव आयोग जल्द विधानसभा चुनाव कराने पर अपनी मुहर लगा सकता है. इसके लिए चुनाव आयोग को कई पहलुओं पर विचार करना होगा. चुनाव आयोग नए मतदाताओं को शामिल करने, ईवीएम की उपलब्धता, त्योहारों के अनुसार प्रशासनिक अधिकारियों, पुलिस और अर्धसैनिक बलों की उपलब्धता और समय से पहले चुनाव कराने से जुड़े आर्थिक पहलुओं के साथ मतदाता सूची के अद्यतनीकरण का मूल्यांकन करने के बाद समय से पहले चुनाव कराने की मंजूरी देता है।

एक अन्य विशेषज्ञ ने कहा कि दिल्ली में मतदाता सूची 1 जनवरी, 2025 को अपडेट की जाएगी, जो इसकी अर्हता तिथि है। नए पंजीकृत मतदाता अपना वोट तभी डाल सकते हैं जब मतदाता सूची अद्यतन हो। विशेषज्ञों के मुताबिक, इसलिए चुनाव आयोग दिल्ली में तय कार्यक्रम के मुताबिक चुनाव कराने का विकल्प चुन सकता है।

Top News : भंग नहीं हुई लेकिन जल्द चुनाव की मांग हो रही है, क्या ये संभव है?

दिल्ली में जल्द चुनाव कराने के साथ-साथ विधानसभा भंग करने को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं. इस सवाल पर दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने प्रतिक्रिया दी है. आतिशी ने कहा कि अगर किसी विधानसभा का कार्यकाल छह महीने से कम है तो केंद्र सरकार और चुनाव आयोग किसी भी समय चुनाव करा सकते हैं. इसलिए दिल्ली विधानसभा को भंग करने की कोई जरूरत नहीं है.

इस पहलू पर वकील विराग गुप्ता ने कहा कि दिल्ली में मुख्यमंत्री केजरीवाल ने इस्तीफे की घोषणा कर दी है, लेकिन अभी तक विधानसभा भंग करने की सिफारिश नहीं की गई है. दिल्ली में समय से पहले विधानसभा चुनाव कराने के लिए दिल्ली सरकार की सिफारिश, उपराज्यपाल की सिफारिश और चुनाव आयोग की सहमति के साथ केंद्र सरकार की मंजूरी जरूरी है। चुनाव आयोग ने कई महीने पहले ही महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में मतदाता सूचियों के संक्षिप्त पुनरीक्षण पर काम शुरू कर दिया है। लेकिन दिल्ली में यह प्रक्रिया पिछले महीने अगस्त से शुरू हो गई है.

Link 1

Link 2

Read Previous

Top News : ट्रंप पर फिर हमले की कोशिश! गोल्फ क्लब के पास फायरिंग, घटनास्थल पर एक एके 47 राइफल मिली,Breaking News 1

Read Next

Top News : एक देश-एक चुनाव, महिला आरक्षण…: जनगणना के साथ ही मोदी सरकार ले सकती है ये बड़ा फैसला,Breaking News 1

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular