Top News : जम्मू-कश्मीर में चुनाव की घोषणा के बीच किसकी पकड़ है मजबूत? जानिए क्या बने सियासी समीकरण,Breaking News 1
Top News : जम्मू-कश्मीर में दस साल बाद विधानसभा चुनाव की घोषणा हो गई है
Top News : जिसे लेकर राजनीतिक पार्टियां जोरदार तैयारियां कर रही हैं. इसे लेकर राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. जम्मू-कश्मीर में किसका राजनीतिक आधार मजबूत और कौन सी पार्टी कमजोर? इसे लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. इसका अंदाजा हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव से लगाया जा सकता है. हालाँकि, चूंकि लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव के मुद्दे और उद्देश्य अलग-अलग होते हैं, इसलिए यह जरूरी नहीं है कि लोकसभा चुनाव में जो नतीजे आएं, वही विधानसभा चुनाव में दिखें।
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Top News : जम्मू-कश्मीर में एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच सीधी टक्कर
लोकसभा चुनाव के दौरान जम्मू-कश्मीर में एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच सीधी टक्कर हुई थी. एक तरफ नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस का गठबंधन था तो दूसरी तरफ बीजेपी. लोकसभा चुनाव के नतीजों से पता चला कि कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस मजबूत है, जबकि जम्मू में बीजेपी मजबूत है. इसी तरह विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस और बीजेपी दो मजबूत दावेदार नजर आ रहे हैं.
Top News : जानिए क्या है फारूक-उमर अब्दुल्ला का प्लान?
घाटी में नेशनल कॉन्फ्रेंस मजबूत है और फारूक अब्दुल्ला चुनावी कमान अपने पास रखना चाहते हैं. उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि जब तक जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं मिल जाता तब तक वह विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे. अब उमर अब्दुल्ला पार्टी के दबाव और पिता के स्वास्थ्य का हवाला देकर अपने पिछले प्रस्ताव पर पुनर्विचार करने की बात कर रहे हैं. दोनों पिता-पुत्र इस चुनाव में अपनी ताकत झोंकने के मूड में हैं, ताकि विरोधियों को जीत की कोई संभावना न रहे.
Top News : पीडीपी के लिए अस्तित्व की लड़ाई
पिछले विधानसभा चुनाव 2014 में सबसे ज्यादा सीटें जीतने वाली पीडीपी अब अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ने जा रही है. पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती और उनके दो अन्य उम्मीदवार लोकसभा चुनाव में बुरी तरह हार गए, लेकिन इसके बाद पार्टी के कुछ बागी नेता फिर से पार्टी में शामिल हो गए. अब जब महबूबा मुफ्ती ने खुद विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है तो ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि उनकी बेटी इल्तिजा मुफ्ती विधानसभा चुनाव लड़ेंगी. पार्टी को उम्मीद है कि दक्षिण कश्मीर में पीडीपी उम्मीदवार जीतेंगे.
Top News : जमात-ए-इस्लामी के वोट बैंक पर एक नजर
पीडीपी की नजर जमात-ए-इस्लामी के वोट बैंक पर है. हालांकि जमात-ए-इस्लामी ने घाटी में चुनाव लड़ने की इच्छा जताई और बीजेपी के सहयोगी अल्ताफ बुखारी ने अपनी पार्टी की मदद से उस पर लगे प्रतिबंध को हटाने की पूरी कोशिश की, लेकिन उसे निराशा ही हाथ लगी. अब पीडीपी उनसे बातचीत कर वोट आकर्षित करने की कोशिश कर रही है, लेकिन दूसरी तरफ इंजीनियर रशीद की पार्टी एआईपी (अवामी इत्तेहाद पार्टी) की नजर भी जमात के वोट बैंक पर है.
Top News : कांग्रेस ने बनाई रणनीति?
जम्मू में कांग्रेस का सीधा मुकाबला बीजेपी से है. ऐसे में इस बार कांग्रेस की नजर कश्मीर की कुछ पारंपरिक सीटों पर है. ऐसे में पार्टी कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन चाहती है और अगर एनसी नहीं मानी तो पीडीपी के साथ चुनाव लड़ सकती है. यही वजह है कि चुनाव की घोषणा के साथ ही कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष बदल दिया है. इस बीच फारूक अब्दुल्ला ने अपना बयान बदलते हुए कहा है कि वह कांग्रेस के साथ गठबंधन पर पार्टी के भीतर चर्चा के बाद फैसला लेंगे.