
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज से तीन दिवसीय ‘रायसीना डायलॉग’ का उद्घाटन करेंगे, जो भारत का प्रमुख भू-राजनीतिक और भू-अर्थशास्त्र सम्मेलन है। इस सम्मेलन में दुनिया भर के 125 देशों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। रायसीना डायलॉग का आयोजन 17 से 19 मार्च तक होगा और इसमें वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
रायसीना डायलॉग के इस 10वें संस्करण में कई महत्वपूर्ण हस्तियां भाग लेंगी। न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन, अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड और यूक्रेन के विदेश मंत्री आंद्रेई सिबिहा इस सम्मेलन का हिस्सा होंगे। खास बात यह है कि इस वर्ष ताइवान के एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी के भी इस सम्मेलन में भाग लेने की संभावना है, जो ताइवान और भारत के बीच बढ़ते सहयोग को दर्शाता है।
सम्मेलन का आयोजन ‘ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन’ और विदेश मंत्रालय की साझेदारी में हो रहा है। लगभग 125 देशों के प्रतिनिधि, जिनमें मंत्री, पूर्व राष्ट्राध्यक्ष, सैन्य कमांडर, उद्योग जगत की प्रमुख हस्तियां, प्रौद्योगिकी क्षेत्र के दिग्गज, शिक्षाविद, पत्रकार, सामरिक मामलों के विद्वान और प्रमुख विचारक संस्थाओं के विशेषज्ञ शामिल होंगे। विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि सम्मेलन में 20 देशों के विदेश मंत्री भी शामिल होंगे, जो महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे।
रायसीना डायलॉग में यूक्रेन के विदेश मंत्री आंद्रेई सिबिहा की भागीदारी विशेष महत्व रखती है, क्योंकि इस समय रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष को समाप्त करने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयास तेज़ हो गए हैं। न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री लक्सन इस सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में मुख्य भाषण देंगे। साथ ही, स्लोवानिया, लक्जमबर्ग, लातविया, मोल्दोवा, जॉर्जिया, स्वीडन, स्लोवाक गणराज्य, भूटान, मालदीव, नॉर्वे, थाईलैंड, पेरू, घाना और हंगरी सहित कई देशों के विदेश मंत्री भी इस सम्मेलन का हिस्सा होंगे।
इस सम्मेलन से पहले, अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। उनकी मुलाकात और रायसीना डायलॉग में उनकी भागीदारी, भारत और अमेरिका के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के संकेत देती है।

बता दें कि रायसीना डायलॉग एक महत्वपूर्ण मंच है, जो वैश्विक राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों पर चर्चा और सहयोग को बढ़ावा देता है, और इस साल भी यह सम्मेलन अंतरराष्ट्रीय समुदाय के बीच संवाद और सहयोग को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगा।