
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु उमड़ रहे हैं. यह दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जो हर 12 साल में आयोजित किया जाता है. इस बार महाकुंभ 13 जनवरी से शुरू हुआ था और 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन समाप्त होगा. लेकिन जैसे-जैसे इसका समापन नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे भीड़ घटने के बजाय बढ़ती ही जा रही है.
इसी बीच, प्रयागराज के एक स्थानीय निवासी ने रेडिट पर पोस्ट डालकर तीर्थयात्रियों से शहर छोड़ने की अपील की. उनका कहना है कि शहर अब अपनी सीमा पार कर चुका है और इतनी बड़ी भीड़ को संभालना मुश्किल हो गया है. उनकी इस पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर महाकुंभ की भीड़ को लेकर बहस छिड़ गई है.
इस वायरल पोस्ट में रेडिट यूजर ने लिखा कि अब 19 फरवरी हो चुकी है. आखिरी अमृत स्नान भी समाप्त हो चुका है. महाकुंभ अब अपने अंतिम चरण में है तो फिर भीड़ कम होने के बजाय बढ़ क्यों रही है?”
उन्होंने आगे लिखा-
“प्रयागराज के स्थानीय लोगों का जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो चुका है. शहर में हर सड़क, हर चौराहा, हर गली लोगों और वाहनों से भरी हुई है. “ऐसा लग रहा है कि पूरे भारत के लोग प्रयागराज आने से मना ही नहीं कर रहे. शहर पूरी तरह थक चुका है. पब्लिक ट्रांसपोर्ट ओवरलोड हो गया है. सड़कें पूरी तरह जाम हो चुकी हैं. संकरी गलियां तक पैदल यात्रियों और गाड़ियों से भरी पड़ी हैं,” उन्होंने लिखा. “स्थानीय लोगों को ही ट्रैफिक जाम के लिए दोषी ठहराया जा रहा.अब तो स्थानीय लोगों को ही जाम की समस्या के लिए दोषी ठहराया जा रहा है”.
रेडिट यूजर के मुताबिक-
“कल मैंने सोचा कि चलो, थोड़ा शहर घूम लेते हैं. लेकिन यह मेरी सबसे बड़ी गलती थी. जैसे ही मैं गाड़ी लेकर निकला, कुछ अजनबी मुझ पर चिल्लाने लगे – ‘आप लोगों की वजह से जाम लग रहा है!’ भाई, हम यहीं रहते हैं!”
यूजर ने लिखा कि श्रद्धालुओं की भारी भीड़ से स्थानीय लोगों का जीना मुश्किल हो गया है. उन्होंने तीर्थयात्रियों से अपील की कि अब शहर में आना बंद करें, क्योंकि प्रयागराज “थक चुका” है और इतनी भीड़ संभालने में असमर्थ है.
यूजर की इस पोस्ट पर कई लोगों ने समर्थन जताया, वहीं कुछ लोगों ने कहा कि महाकुंभ एक ऐतिहासिक आयोजन है, जिससे स्थानीय लोगों को भी फायदा हुआ है. एक यूजर ने लिखा-
“हां, भीड़ बहुत ज्यादा है, लेकिन इस महाकुंभ मेले से स्थानीय लोगों को भी बहुत फायदा हुआ है. कई लोगों ने होटल, लॉज, गेस्ट हाउस, रिक्शा, चाय-नाश्ते की दुकान, दातून बेचकर लाखों रुपए कमाए हैं. किसी के लिए यह परेशानी है, तो किसी के लिए यह बड़ा अवसर.”
दूसरे यूजर ने लिखा-
“अगर आप इस भीड़ का सही फायदा उठाएं, तो जिंदगीभर काम करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. यह भीड़ आपके लिए अवसर बन सकती है, परेशानी नहीं.”
बता दें कि महाकुंभ मेले का आयोजन हर 12 साल में प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में होता है. इस आयोजन में साधु-संत, नागा बाबा, श्रद्धालु और पर्यटक बड़ी संख्या में भाग लेते हैं. प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन सबसे भव्य तरीके से किया जाता है. इस बार मेले में कई करोड़ों लोग पहुंचे, जिससे शहर की सड़कों, पुलों और गलियों में भारी भीड़ देखने को मिली. प्रशासन ने ट्रैफिक और भीड़ को संभालने के लिए पूरी कोशिश की, लेकिन इतनी बड़ी भीड़ को नियंत्रित करना आसान नहीं था.