
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रीडमैन के यूट्यूब चैनल पर एक लंबा और विस्तृत इंटरव्यू दिया। इस इंटरव्यू में उन्होंने अपनी ज़िंदगी, राजनीतिक विचार, आरएसएस, महात्मा गांधी, गुजरात दंगों, पाकिस्तान के साथ रिश्तों, और कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने विचार साझा किए। यह इंटरव्यू लगभग तीन घंटे 17 मिनट लंबा था और इसके दौरान प्रधानमंत्री ने विभिन्न पहलुओं पर अपनी राय रखी।
गुजरात दंगों पर प्रधानमंत्री मोदी की स्थिति
इंटरव्यू में प्रधानमंत्री मोदी ने 2002 में गुजरात में हुए दंगों पर अपनी स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने इस घटना की पृष्ठभूमि को समझाते हुए कहा कि गुजरात में इससे पहले भी कई दंगे हो चुके थे, जिनमें 1969 का दंगा प्रमुख था। उनका कहना था कि गुजरात में 2002 से पहले 250 से ज्यादा बड़े दंगे हुए थे, लेकिन 2002 के दंगों को लेकर यह भ्रम फैलाया गया है कि यह घटना बहुत बड़ी थी।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि मैं उससे पहले की तस्वीर आपको बताना चाहूंगा. 24 दिसंबर 1999 विमान हाईजैक कर कंधार ले जाया गया. 2000 में दिल्ली में लाल किले पर आतंकी हमला हुआ. 11 सितंबर 2001 को अमेरिका के ट्विन टावर्स पर आतंकी हमला हुआ. अक्टूबर 2001 में, जम्मू-कश्मीर विधानसभा पर आतंकी हमला हुआ. 13 दिसंबर 2001 को भारतीय संसद पर हमला हुआ.”

पीएम मोदी के अनुसार, गुजरात में एक साथ कई बड़ी घटनाएं घटित हुईं जैसे कि आतंकवादी हमले और एक बड़ा भूकंप, जो राज्य में अस्थिरता का कारण बने।
पाकिस्तान और आतंकवाद: प्रधानमंत्री मोदी का दृष्टिकोण
इसके अलावा पीएम मोदी ने पाकिस्तान और आतंकवाद पर भी चर्चा की। उन्होंने पाकिस्तान को आतंकवाद का केंद्र बताया और कहा कि दुनिया भर में जो भी आतंकवादी घटनाएं होती हैं, उनका कोई न कोई संबंध पाकिस्तान से जुड़ा होता है। उन्होंने 9/11 की घटना का उदाहरण दिया और बताया कि ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान में छिपा हुआ था।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पाकिस्तान न सिर्फ भारत के लिए बल्कि दुनियाभर के लिए परेशानी का केंद्र बन चुका है. मोदी ने पाकिस्तान से आतंकवाद के रास्ते को छोड़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि भारत ने कई बार पाकिस्तान से कहा है कि आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम उठाए जाएं। आप आतंकवाद के रास्ते को छोड़ दीजिए. स्टेट स्पॉन्सर्ड आतंकवाद बंद होना चाहिए.”
फ्रीडमैन के साथ बातचीत में पीएम ने कहा कि शांति के प्रयासों के लिए मैं खुद लाहौर चला गया था. प्रधानमंत्री बनने के बाद मैंने अपने शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान को खास तौर से आमंत्रित किया था ताकि एक शुभ शुरुआत हो. हर बार अच्छे प्रयासों का परिणाम नकारात्मक निकला. हम आशा करते हैं कि उनको सद्बुद्धि मिले.
आरएसएस और हिंदू राष्ट्र पर प्रधानमंत्री मोदी के विचार
प्रधानमंत्री मोदी ने आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) पर भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने संघ को एक बड़ा और प्रभावशाली संगठन बताया, जिसका समाज में व्यापक प्रभाव है। मोदी ने कहा कि संघ का उद्देश्य समाज की सेवा करना है और यह संगठन भारतीय समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए काम करता है।

उन्होंने संघ के शिक्षा प्रयासों का भी उल्लेख किया, जैसे कि विद्या भारती, जो देशभर में 25,000 स्कूल चला रहा है। इसके अलावा, मोदी ने संघ की कार्यप्रणाली पर भी प्रकाश डाला, जिसमें समाज के विभिन्न वर्गों की सेवा करना और उनके बीच सामूहिकता की भावना को बढ़ावा देना शामिल है।
महात्मा गांधी पर प्रधानमंत्री मोदी की राय
इंटरव्यू के दौरान प्रधानमंत्री ने महात्मा गांधी के योगदान पर भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने महात्मा गांधी के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान की सराहना की और बताया कि गांधी ने भारतीय जनता में जनशक्ति और सामूहिकता का भाव जगाया। उनका कहना था कि महात्मा गांधी का आंदोलन अंग्रेजों के खिलाफ एक शक्तिशाली जन आंदोलन था, जिसने भारत को स्वतंत्रता की दिशा में एक नई राह दिखाई।

उन्होंने बापू के नेतृत्व की भूमिका को भी महत्व दिया और बताया कि महात्मा गांधी की विचारधारा आज भी भारतीय समाज पर प्रभाव डाल रही है। मोदी के अनुसार, गांधी ने स्वतंत्रता के रंग से जन आंदोलन खड़ा किया और अंग्रेजों के खिलाफ जनशक्ति के सामर्थ्य को पहचाना।
नरेन्द्र मोदी की विदेश नीति पर दृष्टिकोण
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी विदेश नीति पर भी चर्चा की और बताया कि उनका दृष्टिकोण हमेशा राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देने वाला रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की भूमिका को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं। मोदी ने उदाहरण के तौर पर रूस और यूक्रेन युद्ध की स्थिति का उल्लेख किया और कहा कि भारत हमेशा शांति का पक्षधर रहा है और पूरी दुनिया से बातचीत के माध्यम से विवादों का हल निकालने की कोशिश की है।
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इसके अलावा, मोदी ने अपने विदेश नीति के तहत हाउडी मोदी कार्यक्रम का भी जिक्र किया, जहां उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की और दोनों देशों के रिश्तों को मजबूत करने की दिशा में काम किया।
रूस-यूक्रेन युद्ध पर प्रधानमंत्री मोदी का बयान
प्रधानमंत्री मोदी ने रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध पर भी अपनी स्थिति रखी। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के साथ भारत के अच्छे संबंध हैं और उन्होंने दोनों पक्षों से शांति की अपील की। मोदी के अनुसार, रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध का समाधान केवल संवाद के माध्यम से हो सकता है और इसके लिए दोनों देशों का एक साथ बैठकर बातचीत करना आवश्यक है।

उन्होंने युद्ध के समाधान के लिए संयुक्त राष्ट्र की भूमिका को भी रेखांकित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब तक दोनों पक्ष टेबल पर नहीं बैठते, तब तक युद्ध का कोई स्थायी समाधान संभव नहीं है।
चीन के साथ भारत के रिश्ते और सीमा विवाद
प्रधानमंत्री मोदी ने चीन के साथ भारत के रिश्तों पर भी विचार व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि भारत और चीन के बीच सदियों पुराने रिश्ते हैं और दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक संबंधों का एक लंबा इतिहास रहा है। मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच कभी कोई संघर्ष नहीं हुआ है, लेकिन कुछ असहमति स्वाभाविक होती है।

उन्होंने 2020 में गलवान घाटी में हुई घटनाओं का उल्लेख किया और कहा कि उस समय स्थिति तनावपूर्ण थी, लेकिन हाल ही में उनका राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात हुई और सीमा पर स्थिति अब सामान्य हो चुकी है। मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और चीन के बीच मतभेद होने के बावजूद, इन मतभेदों को विवाद में बदलने से बचना चाहिए।