छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में रविवार की रात से सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच चल रही मुठभेड़ अब भी जारी है. सुरक्षाबलों ने अब तक 20 माओवादियों के मारे जाने का दावा किया है. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि “मुठभेड़ वाले इलाके में अभी भी बड़ी संख्या में माओवादी मौजूद हैं. हम टोही ड्रोन का सहारा ले रहे हैं और माओवादियों को चिन्हित कर ज़मीन पर उन्हें घेर रहे हैं. मारे जाने वाले माओवादियों की संख्या 20 से अधिक हो सकती है.”
हालांकि अब तक पुलिस ने 14 संदिग्ध माओवादियों के शव ही बरामद किए हैं. मारे जाने वालों में ओडिशा में सीपीआई माओवादी की कमान संभालने वाले जयराम उर्फ़ चलपति का नाम भी शामिल है.सीपीआई माओवादी के शीर्ष नेताओं में शुमार चलपति को संगठन के सैद्धांतिक मामलों का विशेषज्ञ और रणनीतिकार माना जाता था. चलपति की मौत को पुलिस एक बड़ी उपलब्धि मान रही है.

चार दिन पहले भी छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमा पर पुलिस ने 12 माओवादियों के मारे जाने का दावा किया था. बाद में संदिग्ध माओवादियों ने अपने 18 साथियों के मारे जाने की बात स्वीकार की. माओवादियों के अनुसार मारे जाने वालों में माओवादी संगठन में शीर्ष नेताओं में से एक दामोदर भी है. दामोदर पर भी 50 लाख रुपए का इनाम था.
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को 14 माओवादियों के शव बरामद किए जाने के बाद सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा कि नक्सलवाद को एक और झटका. हमारे सुरक्षा बलों ने नक्सल मुक्त भारत बनाने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. उन्होंने लिखा कि “नक्सल मुक्त भारत के हमारे संकल्प और सुरक्षाबलों की संयुक्त कार्रवाई के साथ ही नक्सलवाद अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है.”

वहीं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मीडिया से कहा, “मार्च 2026 तक देश-प्रदेश में नक्सलवाद के ख़ात्मे के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के संकल्प को मज़बूती प्रदान करते हुए सुरक्षाबल के जवान निरंतर सफलता हासिल कर लक्ष्य की ओर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. हमारी डबल इंजन की सरकार में निश्चित ही हमारा छत्तीसगढ़ मार्च 2026 तक नक्सलवाद से मुक्त होकर रहेगा.”