
विधानसभा में सीएम रेखा गुप्ता ने शुक्रवार को कैग की दूसरी रिपोर्ट पेश की. ये रिपोर्ट हेल्थ सेक्टर को लेकर है. इस पर चर्चा करते हुए बीजेपी विधायक हरीश खुराना ने कहा कि 240 पेज की रिपोर्ट को देखें तो साफ दिखाई देता है कि वित्तीय अनियमितताएं की गई हैं. 11 साल के शासन में सिर्फ तीन अस्पताल या तो बने हैं या उसे एक्सटेंशन दिया.
उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी अस्पताल में पांच साल की देरी हुई, 314 करोड़ के फंड की वृद्धि हुई. इसके साथ ही बुराड़ी के अस्पताल में भी देरी हुई. कुभटल तीन अस्पताल के निर्माण में हुई देरी के कारण 382 करोड़ का अतिरिक्त खर्च हुआ. कोविड में केंद्र सरकार ने जो फंड दिया था उसका भी इस्तेमाल नहीं किया.
साथ ही बीजेपी विधायक ओम प्रकाश शर्मा ने कहा कि हेल्थ केयर फेसिलिटी को लेकर केंद्र सरकार ने जो पैसा दिया उसका दिल्ली सरकार उपयोग नहीं कर पाई. डीडीए ने जो जगह हेल्थ सर्विस के लिए जगह दिया उसका उपयोग नहीं किया. खराब गुणवत्ता की दवाई जांच में मिली. जिन कंपनियों को कई प्रदेश में ब्लैक लिस्ट किया गया उन ब्लैक लिस्टेड के साथ भी दिल्ली सरकार ने संबंध रखा और लगातार फायदा पहुंचाने के लिए दवाई लेते रहे.”
बीजेपी विधायक शर्मा ने कहा कि तीन चार अस्पताल में एसक्सटेंशन बजट बढ़ाते रहे और आज तक काम पूरा नहीं हुआ. अस्पतालों में टीबी की दवा, रेबिज के इंजेक्शन नहीं हैं. सरकार का स्टॉक रजिस्टर्ड उपलब्ध नहीं है. केवल बजट की बंदरबांट करना यही आप की सरकार का उद्देश्य रहा. इस सभी रिपोर्ट को देखते हुए लगता है कि वर्ल्ड क्लास हेल्थ का दावा जो दिल्ली की तत्कालीन सरकार करती थी उसका गुब्बारा फूट चुका है. दिल्ली की तत्कालीन सरकार ने जो गोल स्थापित किए उसको अचीव करने में असफल रही.
ओम प्रकाश शर्मा ने कहा कि अस्पतलों में ना तो फैकल्टी है और ना डॉक्टर है ना दवाई है. जेजे क्लस्टर के अस्पताल में महिलाओं को मैटरनिटी के लिए दर दर भटकना पड़ता है. मैटरनिटी डिपार्टमेंट बंद है. चाचा नेहरू अस्पताल जहां केवल बच्चों का इलाज होता है वहां भी हाल बेहाल है. पूरी दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने केवल लूट के अलावा और कोई सुविधा दी नहीं.”
बीजेपी विधायक ने कैग की रिपोर्ट के हवाले से कहा कि जितनी सुविधाओं की घोषणा की उनके बड़े विज्ञापन छपवाए लेकिन वे कब शुरू हुए और कब खत्म हुए इसकी जानकारी जनता को भी नहीं है. इसके बारे में कैग रिपोर्ट में जरूर लिखा है. 2018 में सुविधा शुरू हुई और 2020 में समापन हो गया. ना चालू होते दिखा ना बंद होते, यह केवल विज्ञापन में ही नजर आया.
शर्मा ने आगे कहा कि ”मैं यह समझता हूं कि दूसरे और तीसरे चैप्टर में मोहल्ला क्लीनिक का मुद्दा आएगा तो लोगों को वर्ल्ड क्लास हेल्थ घोटाले का पता चलेगा. ये समझ में आएगा कि लोगों की जान की कीमत पर किस प्रकार इन्होंने फंड की आपाधापी की, ब्लैक लिस्टेड कंपनियों को पैसा दिया और किकबैक वापस लिए. किस प्रकार नकली दवाइयां दीं.”