
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय अमेरिकी दौरा पूरा करके भारत लौट रहे हैं। 36 घंटे के अंदर छह द्विपक्षीय बैठकों में शामिल होकर पीएम मोदी ने रक्षा, व्यापार और अन्य क्षेत्रों से जुड़े कई अहम समझौते किए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच व्हाइट हाउस में हुई वार्ता में अमेरिकी राष्ट्रपति ने मोदी को जमकर सराहा। उन्होंने कई मुद्दों पर भारत के रुख को गंभीरता से समझने की कोशिश की। इस दौरान दोनों की दोस्ती और जुगलबंदी भी देखने को मिली। फिर चाहे पीएम मोदी को कुर्सी पर बिठाना हो या फिर गले लगकर कहना कि आपकी बहुत याद आई। ट्रंप ने मोदी को उपहार के रूप में एक किताब भी दी। इस किताब के पहले पन्ने पर लिखा था- मिस्टर प्राइम मिनिस्टर, यू आर ग्रेट।

दोनों देशों के लिए ये मुलाकात काफी सकारात्मक रही। इस मुलाकात के दौरान भारत और अमेरिका के बीच व्यापार और रक्षा के साथ-साथ अप्रवासियों के मुद्दे पर भी बात हुई। पीएम मोदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, ”भारत के लोग विकसित भारत 2047 की ओर बढ़ रहे हैं।”
दोनों देशों की इस ऐतिहासिक मुलाकात में आर्थिक सहयोग केंद्र में रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय व्यापार को 2030 तक दोगुना करके 500 बिलियन डॉलर करने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य पर सहमति जताई। बताते चलें कि वर्तमान में, अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, जिसका व्यापार 2024 में 129.2 बिलियन डॉलर है।

ट्रंप ने दोनों देशों के बीच इस साझेदारी के महत्व पर बात करते हुए कहा कि हम एनर्जी पर एक महत्वपूर्ण समझौते पर पहुंचे हैं जो अमेरिका को भारत के लिए तेल और गैस के प्रमुख सप्लायर के रूप में पुनर्स्थापित करेगा. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अमेरिका का लक्ष्य भारत का टॉप सप्लायर बनना है, जिससे दोनों देशों के लिए ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित हो।
एक अन्य बड़ी घोषणा में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका भारत को अपनी सैन्य बिक्री में अरबों डॉलर की बढ़ोतरी करेगा और भारत को F35 लड़ाकू विमान मुहैया कराएगा। ट्रंप ने कहा कि भारत अपने कानूनों में सुधार कर रहा है ताकि अमेरिकी परमाणु प्रौद्योगिकी का भारतीय बाजार में स्वागत किया जा सके, जो उच्चतम स्तर पर है। इससे लाखों भारतीयों को सुरक्षित, स्वच्छ और सस्ती बिजली मिलेगी।”