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समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लोकसभा में महाकुंभ हादसे का मुद्दा उठाया. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार ने हादसे के पीड़ितों के आंकड़े छिपाए हैं। उन्होंने भाजपा को घेरते हुए पूछा कि आंकड़े दबाए और छिपाए क्यों गए? अखिलेश ने कहा कि महाकुंभ की व्यवस्था के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई जानी चाहिए। महाकुंभ में हुई भगदड़ में मारे गए लोगों का सही आंकड़ा दिया जाए और आंकड़े छिपाने वालों पर दंडात्मक कार्रवाई हो।
उन्होंने कहा कि सरकार लगातार बजट के आंकड़े दे रही है, लेकिन उन्हें महाकुंभ में मरने वालों के आंकड़े भी देने चाहिए। मेरी मांग है कि महाकुंभ की व्यवस्थाओं पर स्पष्टीकरण के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए। महाकुंभ आपदा प्रबंधन और खोया-पाया केंद्र की जिम्मेदारी सेना को दी जाए। महाकुंभ हादसे में हुई मौतों, घायलों के इलाज, दवाइयों, डॉक्टरों, भोजन, पानी, परिवहन की उपलब्धता के आंकड़े संसद में पेश किए
उन्होंने दावा किया कि महाकुंभ में भगदड़ के बाद संतों के एक निश्चित मुहूर्त में स्नान की परंपरा भी टूट गई। सपा सांसद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा, ‘अगर मेरी बात गलत है तो नेता सदन चर्चा के जवाब में बताएं।’ अखिलेश ने कहा कि जब पता चला कि कुछ लोगों की जान चली गई है, उनकी लाशें मोर्चरी और अस्पताल में पड़ी हैं, फिर भी सरकार ने अपने सरकारी हेलीकॉप्टर में फूल भरकर फूल बरसाए। यह कैसी सनातनी परंपरा है?
अखिलेश ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने शोक तक व्यक्त नहीं किया जब देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने शोक संवेदना व्यक्त की तो 17 घंटे बाद राज्य सरकार ने इसे स्वीकार किया। ये वो लोग हैं जो आज भी सच्चाई को स्वीकार नहीं कर सकते।’ अपने भाषण के दौरान अखिलेश ने कहा कि कई टीवी चैनलों और विज्ञापनों पर दिखाया गया कि महाकुंभ में 100 करोड़ लोगों के आने की व्यवस्था की गई है। अगर मैं झूठ बोल रहा हूं या मेरे दावे झूठे निकले तो मैं लोकसभा से इस्तीफा देना चाहता हूं।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर अखिलेश ने कहा कि उसमें 12 करोड़ शौचालयों के निर्माण और 80 करोड़ गरीबों को खाद्यान्न मुफ्त दिए जाने जैसी पुरानी बातें ही हैं। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि भाजपा डबल इंजन की सरकार का दावा करती है, लेकिन अब उसके इंजन तो टकरा ही रहे हैं, बल्कि डिब्बे भी टकराने लगे हैं। उन्होंने कहा कि 10 साल पहले वाराणसी को जापान के क्योटो शहर जैसा बनाने का दावा किया गया था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी का निर्वाचन क्षेत्र होने के बावजूद आज तक वहां मेट्रो शुरू नहीं हो सकी है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में चुनाव है और अभिभाषण में दिल्ली मेट्रो के विस्तार का उल्लेख है, लेकिन जो दिल्ली में मेट्रो बना रहे हैं, बनारस में क्यों नहीं बना पा रहे? उन्होंने दावा किया कि उत्तर प्रदेश में जितनी मेट्रो चल रही हैं, पहले की सपा सरकार की देन हैं, आपकी नहीं। दिल्ली का विकास अपने आप हो जाएगा, बशर्ते दिल्ली वाली भाजपा सरकार हस्तक्षेप करना बंद कर दे।