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एप्पल के सह-संस्थापक दिवंगत स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल ने आज महाकुंभ में पूजा-अर्चना की. इस दौरान उन्होंने पीले और भगवा रंग के वस्त्र पहने थे और उनके गले में रुद्राक्ष की माला थी. लॉरेन पॉवेल के साथ अमेरिका से आए अन्य लोगों ने भी महाकुंभ में पूजा की और हर-हर महादेव के नारे लगाए. निरंजनी अखाड़े के आचार्य कैलाशानंद गिरि महाराज ने लॉरेन पॉवेल को कमला नाम दिया है. प्रयागराज आने से पहले लॉरेन पॉवेल वाराणसी गई थी.
लॉरेन ने काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह के बाहर से पूजा-अर्चना की थी. इस दौरान उन्हें भारतीय परिधान पहना हुआ था. स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज ने मंदिर में दर्शन करने के बाद कहा था कि, “उन्होंने मंदिर की परंपराओं का पालन किया. हमारी भारतीय परंपरा के अनुसार, काशी विश्वनाथ में कोई गैर हिंदू शिवलिंग को नहीं छू सकता. इस कारण उन्हें बाहर से शिवलिंग के दर्शन कराए गए.” लॉरेन ने महाकुंभ के बिना किसी बाधा या कठिनाई के सफलतापूर्वक संपन्न होने के लिए प्रार्थना की.
प्रयागराज में लगे महाकुंभ में लॉरेन कमला बनकर सनातन धर्म को समझेंगी. इस दौरान यहां होने वाले कथा और प्रवचनों में शामिल होंगी. स्वामी कैलाशानंद गिरी के मुताबिक, लॉरेन जॉब्स की सनातन में काफी रूचि है. वह गिरी को अपने पिता की तरह मानती है. बता दें कि लॉरेन पॉवेल का जन्म 6 नवंबर, 1963 को वेस्ट मिलफोर्ड, न्यू जर्सी में हुआ था. पॉवेल ने 18 मार्च, 1991 को जॉब्स से शादी की थी. पॉवेल जॉब्स अरबों रुपये की मालकिन हैं.