Top News : वैश्विक विनिर्माण पर चीन का कब्ज़ा, मेनू यदि सुधार नहीं किया गया तो देश में सामाजिक समस्याएँ उत्पन्न हो जायेंगी,Breaking News 1
Top News : भारतीय राजनीति में नफरत का माहौल
Top News : कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने टेक्सास में रोजगार के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि चीन का वैश्विक उत्पादन पर नियंत्रण है और अगर भारत में विनिर्माण क्षेत्र में सुधार नहीं हुआ तो सामाजिक समस्याएं पैदा होंगी. उन्होंने कहा कि भारतीय राजनीति में नफरत का माहौल है. उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा के जरिये प्रेम और भाईचारे की राजनीति शुरू की है.
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बीजेपी और आरएसएस महिलाओं की भूमिका को घर पर रहने और खाना बनाने तक ही सीमित रखना चाहते हैं
उन्होंने भारत में रोजगार के मुद्दे को अहम माना. उन्होंने कहा कि इसके पीछे कारण यह है कि विनिर्माण क्षेत्र पर विशेष ध्यान नहीं दिया गया है. उन्होंने चीन का उदाहरण देते हुए कहा कि चीन ने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर फोकस किया है और इस वजह से रोजगार की कोई समस्या नहीं है. भारत का अधिकतर सामान चीन में बनता है। इसके साथ ही उन्होंने भारतीय बैंकों द्वारा बड़े कारोबारियों की कर्ज माफी पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि भारत में 25 लोगों का 16 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया गया है. इस रकम से कई उद्योग लगाए जा सकते हैं, लेकिन अगर हम कर्जमाफी की बात करते हैं तो मीडिया हमसे सवाल करती है.
उन्होंने कहा कि हमारे साथ संचार के सभी साधन बंद थे और इस वजह से हम लोगों से सीधे संवाद करने के लिए मजबूर थे. इसी कारण भारत जोड़ो यात्रा निकाली गई। इस यात्रा ने मुझे लोगों से जुड़ना सिखाया।
उन्होंने कहा कि भारतीय पुरुषों को महिलाओं के प्रति अपना नजरिया बदलने की जरूरत है. वे राजनीति में महिलाओं की भागीदारी का समर्थन करते हैं. इसीलिए उन्होंने महिला आरक्षण बिल का समर्थन किया है.
यदि महिलाएं अपना स्वयं का व्यवसाय शुरू करना चाहती हैं तो उन्हें वित्तीय सहायता दी जानी चाहिए। भाजपा और आरएसएस महिलाओं को एक विशिष्ट भूमिका तक सीमित रखना चाहते हैं। उनका मानना है कि महिलाओं को घर पर रहकर खाना बनाना चाहिए. ज्यादा बात मत करो. हमारा मानना है कि महिलाओं को वह करने की इजाजत दी जानी चाहिए जो वे चाहती हैं।’
राहुल गांधी ने महाभारत में एकलव्य के अंगूठा छीने जाने का हवाला देते हुए कहा कि भारत में लाखों प्रतिभाशाली लोग पीछे छूट रहे हैं. ऐसा नहीं है कि भारत में हुनरमंद लोग नहीं हैं, लेकिन उनके हुनर की कद्र नहीं है.