
बिहार में ये चुनावी साल है. तरह-तरह की अटकलें नीतीश कुमार को लेकर चल रही हैं. एक अटकल ये भी चल रही है कि चुनाव से पहले ही नीतीश कुमार और लालू-तेजस्वी यादव की पार्टी का गठबंधन हो सकता है. राजद नेता तेजस्वी यादव ने आज उन अफवाहों पर तीखी प्रतिक्रिया दी.
तेजस्वी से पूछा गया कि क्या उनकी पार्टी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से संपर्क किया है और चुनाव से पहले उन्हें राजनीतिक खेमा बदलने के लिए कहा है? एक प्रेस वार्ता के दौरान, तेजस्वी यादव से ये भी पूछा गया कि क्या उनकी पार्टी पूर्व सहयोगी नीतीश कुमार को विपक्षी खेमे में लाने की कोशिश कर रही है? इस पर तेजस्वी ने कहा कि आपको ये विचार कौन देता है? हम उनका स्वागत क्यों करेंगे? कोई प्रस्ताव नहीं है, बकवास मत करो. लालू जी और मेरे अलावा कोई भी प्रस्ताव देने के लिए अधिकृत नहीं है, और कोई प्रस्ताव नहीं दिया जाएगा.”
जेडीयू और आरजेडी के बीच पर्दे के पीछे की सांठगांठ की अफवाहें नीतीश कुमार के बार-बार पाला बदलने के इतिहास के कारण ज्यादा चल रही हैं. कभी आरजेडी के संस्थापक लालू यादव के कट्टर राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी रहे नीतीश कुमार ने 2015 के राज्य चुनावों में आरजेडी के साथ महागठबंधन बनाया और इस महागठबंधन ने शानदार जीत हासिल की.
चुनाव के दो साल बाद, नीतीश कुमार गठबंधन से बाहर हो गए और मुख्यमंत्री के रूप में वापस आने के लिए बीजेपी से हाथ मिला लिए. जेडीयू और बीजेपी ने गठबंधन में 2020 का चुनाव लड़ा, लेकिन नीतीश कुमार ने दो साल बाद फिर से पाला बदल लिया और विपक्षी खेमे में लौट आए. 2024 में लोकसभा चुनावों से पहले जेडीयू प्रमुख ने फिर पाला बदला और एनडीए में वापस आ गए. नौवीं बार शपथ लेने में बीजेपी ने उनका समर्थन किया.
पिछले कुछ दिनों में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली है. राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के अभिभाषण पर बहस के दौरान नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव पर तीखे प्रहार करते हुए कहा कि उन्होंने लालू यादव को मुख्यमंत्री बनाया है. उन्होंने कहा कि यहां तक कि लालू यादव की जाति के लोगों ने भी उन्हें मुख्यमंत्री बनाने से मना कर दिया था, लेकिन मैंने उनका समर्थन किया. मैंने आपके पिता को मुख्यमंत्री बनाया.”
बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह आरजेडी का समर्थन ही था, जिसने नीतीश कुमार को दो बार मुख्यमंत्री बनाया और उनकी पार्टी को बचाया. नीतीश कुमार ने विधानसभा में कहा कि उन्होंने लालू यादव को मुख्यमंत्री बनाया. भूल जाइए कि नीतीश कुमार क्या कहते हैं… लेकिन नीतीश कुमार को याद रखना चाहिए कि उनसे पहले भी मेरे पिता दो बार विधायक और एक बार सांसद चुने जा चुके थे. लालू यादव को भूल जाइए, लालू जी ने कई प्रधानमंत्री बनाए हैं. मैंने नीतीश कुमार को दो बार मुख्यमंत्री बनाया और उनकी पार्टी को बचाया.
बता दें कि 1990 के दशक में जनता दल की राजनीति में लालू यादव और नीतीश कुमार प्रमुख सहयोगी थे.फिर दोनों के रास्ते अलग हो गए और नीतीश कुमार ने अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की, अंततः 2000 में मुख्यमंत्री बने. एक समय अपने उप मुख्यमंत्री रहे तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए नीतीश कुमार ने कहा था कि वो बच्चे हैं, जो कुछ भी नहीं जानते.